मगर चुप है!

सब को कुछ कहना है, ज़ुबां मगर चुप है,

गली की बातूनी लड़की, बड़ी चुप है।

वो भी चुप है जो कभी बोला ही नहीं,

जो बोलता था बहुत वो

शख्स भी आज चुप है।

शहर चीख है तो है

पर आवाज़ चुप है,

गाँव को लौटा हर

कामगार चुप है।